निम्नलिखित प्रश्नो के उतर अपने शब्दों में लिखे—
1. कवि किसके बिना जगत् में यह जन्म व्यर्थ मानता है? 11. वाणी कब विष के समान हो जाती है?
2. नाम-कीर्तन के आगे कवि किन कर्मो की व्यर्थता सिद्ध करता है?
3. गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है? 12. कृष्णा
को चोर क्यो कहा गया है?
4. प्रथम पद के आधार पर बताएँ कि कवि ने अपने युग मे धर्म-साधना के कैसे-कैसे रूप देखे थे?
5. कवि
ने माल-मलिन किन्हे और क्यो कहा है? 13. कवि की दृष्टि मे ब्रहम का निवास कहाँ है?
6. सवैय
मे कवि की कैसी आकांक्षा प्रकट होती है? भावार्थ बताते हुए स्पष्ट करे!
7. कवि
प्रेम मार्ग को 'अति सूधो' क्यो कहता है? इस मार्ग की विशेषता क्या है?
8. 'मन
लेहु पै देहु .छटांक नहीं' से कवि का क्या अभिप्राय है?
9. परहित
के लिए ही देह कौन धारण करता है?स्पष्ट करे!
10. कवि
कहाँ आपने आँसुओ को पहुँचाना चाहता है और क्यो?
11. आधुनिक जीवन मे उपासना के प्रचलित
रूपो को देखते हुए नानक के इन पदो की क्या प्रासंगिकता है?
निम्नलिखित प्रश्नो की व्याख्या
अपने शब्दों में करे:--
(1)
राम नाम बिनू
अरुझि मरै!
(2) रसखानि कबौ इन आँखीन सौ ब्रज
के बनबाग ताड़ग निहारौं!
(3) नानक
लीन भयो गोविंद
सो,ज्यो पानी
संग पानी! (4) हरक
सोक ते रहै
नियारो,नाहि मान
अपमाना!
(5) मान पावन चितचोर,पालक ओट नहि करि सकौ! (6)
कंचन माटी जानै!
(7) यहाँ
एक तै दूसरौ
आँक़ नहीं (8) कछू
मेरियौ पीर हिएँ
परसौ
निम्नलिखित
शब्दो के वाक्य-प्रयोग करते हुए
लिंग-निर्णय करे:-जग,मुक्ति,धोती,जल,कंचन,जुगति,स्तुति
निम्नलिखित विशेषण शब्दो
का स्वतंत्रत वाक्य-प्रयोग करे:- व्यर्थ,निष्फल,नग्न,सर्व,न्यारा,सकल
निम्नलिखित के तीन
तीन पर्यायवाची शब्द लिखे—राधिका,नंदनंद,नैन,सर,आँख,कुंज,कलधौत
( BY : RAVI KUMAR SINGH CONTACTS
NO—8005564812,9006491294)