निम्नलिखित
प्रश्नो के उतर
अपने शब्दों में
लिखे--
लेखक किस विडंबना
की बात करते
है? विडंबना का
स्वरूप क्या है?
जातिवाद के पोषक
उसके पक्ष मे
क्या तर्क देते
है?
जातिवाद के पक्ष
मे दिए गए
तर्को पर लेखक
की प्रमुख आपतियाँ
क्या है?
जाति भारतीय समाज मे
श्रम विभाजन का
स्वाभाविक रूप क्यो
नही कही जा
सकती?
जातिप्रथा भारत मे
बेरोज़गारी का एक
प्रमुख और प्रत्यक्ष
कारण कैसे बनी
हुई है?
लेखक आज के
उधोगो मे ग़रीबी
और उत्पीड़न से
भी बड़ी समस्या
किसे मानते है
और क्यो?
लेखक ने पाठ
मे किन प्रमुख
पहलुओ से जाती
प्रथा को एक
हानिकारक प्रथा के रूप
मे दिखाया है?
सच्चे लोकतंत्र की स्थापना
के लिए लेखक
ने किन विशेषताओ
को आवश्यक माना
है?
No comments:
Post a Comment